डिस्प्लेस की जानकारी और उनके बीच अन्तर꫰

जब भी हम कोई नया फोन खरीदते है तो हमारा सारा ध्यान फोन के कैमरे , प्रोसेसर और डिजाईन पर होता है लेकिन उसके स्क्रीन को हम अक्सर भूल जाते है परन्तु स्क्रीन ही एक ऐसा अन्ग (Component) है जिसे हम सबसे ज्यादा बातचीत (Interact) करते है टेक्नोलोजी इतनी अग्रिम (Advance) हो गयी है कि जो terms है वो हमे समझ मे नही आती है आगे मै आपको बताने वाला हू कि IPS,TFT,Amoled,Super Amoled डिस्प्लेस के बारे मे और कौन सी इनमे सबसे अच्छी है और क्यो है एक स्मार्टफोन का स्क्रीन चुनते समय हमे दो खास बातो का ध्यान रखना होता है पहला स्क्रीन का साईज मतलब मोटा या पतला और दूसरा PPI (Pixels Per Image) तो चलिए जानते है डिस्प्लेस के बारे मे꫰


TFT(Thin Film Transistor) 


इस डिस्पले मे अभी थोडे बदलाव किए गये थे लेकिन फिर भी ये कुछ खास नही है इसमे colour अच्छे दिखाई नही देते꫰ Viewing angle भी कुछ खास नही है और ये बैटरी भी ज्यादा खाते है꫰


IPS(In Plane Switching)


अगर आप एक IPS LCD ले रहे है तो वो एकदम बेस्ट होता है क्योकि उसमे तीन चीजो का खास ख्याल रखा गया है 

1)Colur Reproduction


सबसे पहले colour reproduction इसलिए आपको IPS मे जो colour मिलते है वो बिलकुल शुध्द होते है सिर्फ काला रन्ग आपको कभी कभी थोडा सा डार्क दिखता है लेकिन बाकी कलरस् बिलकुल शुध्द दिखते है꫰ जैसे आप अपनी आखो से देखते है उतने ही शुध्द आपको फोन मे दिखाई देते है

2) Viewing Angle

इसके viewing angle काफी हद तक बढा सकते है꫰अब पूरा 180° तो नही कर सकते लेकिन 170° 176° तक देख सकते है꫰

3)Size

इसको काफी पतला बनाया गया है जब आप फोन चलाएगे तो आपको लगेगा कि आप डिस्प्ले को ही टच कर रहे है क्योकि स्क्रीन से बिलकुल जोड दिया गया है और इसके बीच मे गैप नही है꫰

Oled(Organic LED)


अब LCD मे क्या होता था कि जो आपकी स्क्रीन है उसके पीछे एक बैकलाईट देने की जरूरत पडती थी जिससे आपको डिस्प्ले नजर आता था मतलब कि आप स्क्रीन पर चाहे काला रन्ग देख रहे है या नीला , लाल , पीला꫰ तो जो इसके पीछे बैकलाईट है वो हमेशा आॅन रहता था इससे पावर ज्यादा खर्च होती थी लेकिन oled मे क्या किया गया कि जो पिक्सलस् है वो एक एक LED के अलग से पिक्सल बना दिए इसका क्या मतलब है कि जो पिक्सल है वो सिर्फ उसकी पॉवर यूज करेंगे꫰ अब इसके लिए पूरे स्क्रीन के लिए अलग से बैकलाईट की जरूरत नहीं꫰ इसके दो फायदे है एक तो ब्लैक मतलब पिक्सल जब हमे चाहिए होंगे तभी आॅन होंगे जब हम उसे आॅन नही करेंगे तो हमे पूरा ब्लैक दिखेगा꫰ दूसरा ये है कि जो contrast ratio है वो बहुत ज्यादा बढ जाता है꫰



Amoled ,Super Amoled और IPS में अंतर



Amoled , Super AmoledAmoled


1) Colour accurate नही होते हैं परंतु आँखो के लिए बिल्कुल अच्छे होते हैं꫰

2) ये ज्यादा ब्राईट होती है

3) इसको सूरज की मे अच्छे से नहीं देख सकते क्योकि इसमे पिक्सल होते हैं

4) बैटरी कम खर्च होती है

5) Size मे काफी पतले होते हैं

6) ये काफी महंगी भी होती हैं


IPS


1) Colour बिल्कुल accurate होते हैं

2) इनकी ब्राईटनेस कम होती है

3) इसको सूरज की रोशनी मे अच्छे से देख सकते हैं

4) बैटरी ज्यादा खर्ज होती है

5) Size मे मोटे होते हैं

6) ये हमे सस्ते पड़ते हैं


Retina Display 

ये एक मार्केटिंग term है जो एप्पल ने उपयोग की꫰ ये कोई अलग डिस्प्ले नही है बल्कि IPS डिस्प्ले ही रेटिना डिस्प्ले है आपको आज जो स्मार्टफोन मिलते है उनमे रेटिना डिस्प्ले ही होता है ये सिर्फ एप्पल ने एक term उपयोग की है꫰ एक अच्छा स्मार्टफोन जिसकी Pixel density 300 से ज्यादा होती है उनमे रेटिना डिस्प्ले ही होता है꫰ 

उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसन्द आयी होगी अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट करे꫰

                (धन्यवाद)



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